Thursday, October 13, 2022

जीवन – मरण –दो पहलू


 इस अस्पताल मे आके पता चला 'कीमती' किसे कहा जाता हैं,

वो सोना नही जो चमकता हो ,वो हीरा नही जो परखा जाता हो

वो रोलेक्स की घड़ी नही ,तो वो कोई अभिनेता की चकाचौंध नहीं ।

कीमती तो इधर सांसें होती ,

लोगों की आंखों मे वो आस की किरण होती है,

वो हर आंसू जो छलकता है,

वो हर एहसाह जो काटने को दौड़ता है।

कीमती वो स्ट्रेचर का पहिया होता है जिसका ओ पी डी मे जाने का एक निश्चित समय होता है।

वो अपना जब कोई अंदर जाता है शंका त्यागी नही जाती ,

और उस कारणवर्ष ईश्वर के दूत को बहुत सुनाया जाता है।

वो "operation is successful"सुनना हर किसी का एक सपना बन जाता है।

यह समय की कीमत तो इधर आके ही पता चलती है जनाब ,

जब एक-एक लम्हे मे इंसान तिल-तिल मरता है ,

उस बिस्तर पर लेटना आसान लगता था 

लेकिन इंतजार का बाण लग जाना औकात दिखा देता है।

किसका शुक्रिया अदा करू किसको दोष दू यहां 

यह जगह ही अलग है भाईसाब ,

मैने एक तरफ नए जीवन का सृजन तो दूसरी ओर उस  बूढ़े बाप को मरते देखा है।

एक तरफ लोगो की खुशी ,तो दूसरी ओर शोक देखा है

लोगो की उम्मीद टूटते देखी ,तो उस नवयुवती को अपना नवजात शिशु इस चौखत पर छोड़ते देखा है।

 क्या कुछ नही देखा इसने 

 डॉक्टर की हताशी देखी, तो कइयों को लोगो के गुर्दे निकालते देखा है ।

  माँ को असहाय तो उस बाप को रोते देखा है।

  उस छोटे से मोनू को एक ही रात मे बड़ा होता देखा है,

  पैसों की धज्जियां उड़ती देखी है तो उस गरीब को लाचार देखा है

  अस्पताल मे  पताल ,तो शिव को शव बनते देखा है ,

  मैने वो पत्नी की पुकार तो उस बच्चे को झुलसते देखा है।

अपने समय पर न पहुंचे लेकिन उस अनजान को उसका सहारा बनता देखा है।

बीच मझधार मे ,जहां न आज का पता ,न कल का 

उधर एक चाय की चुस्की से लोगो को पुनः दिन की शुरुआत करते देखा है ।

यदि ये मृत्यु का द्वार है तो यमराज ने इसका ठेका ले रखा हो ,

यदि ये जीवन की उम्मीद है, तो  नंदी भी यहां ताक लगाए बैठा होगा ।


  ~DIVINE✨


 

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